कृपा और ध्यान

‘कृपा’ भाव-शक्ति को अभिव्यक्त करता है। यह जीवन का शाश्वत् सत्य है, अंतर्मन से अनुभव करने की अवस्था है तथा सत्य स्वीकार करने की मन:स्थिति है ।

कृपा का विज्ञान  मन की धड़कन-केवल एक ही स्थिति है इसके मूल में और वह है कृपा भाव-शक्ति है। 

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