कृपा का रहस्य क्या है?

स्वार्थी होने से कृपा रूक जाता है। दुसरे के दोष का चिन्तन से कृपा रूक जाता है। शान्ति न होने से कृपा रूक जाता है। दूसरे के लिये करने पर कृपा होता है। आनन्द में रहने पर कृपा होता है। सर्व-समर्पण करो कृपा होगी।

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