मन क्या है?

मन मस्तिष्क से अलग एक पृथक सत्ता है। फिर भी मन मस्तिष्क के बिना नहीं रह सकता है। मस्तिष्क मन का उपकरण है। मन की कोई भौतिक संरचना नहीं होती है। मन का आविर्भाव एवं विकास होता है। ऐसा तब होता है जब इस संसार में हमारी अंत:क्रियाएं एवं अनुभव एक व्यवस्था के रूप में गतिमान होकर संगठित होते हैं जो विविध प्रकार की मानसिक प्रक्रियाओं के घटित होने के लिए उत्तरदाई होते हैं।हमारा मन कैसे कार्य करता है? मस्तिष्क की क्रियाएं या चेतन कोशिकाएं इस बात का संकेत देती हैं। मन के व्यवहार का अनुभव एवं मानसिक प्रतिक्रियाएं अथवा अनुक्रियाएं की चेतन कोशिकाएं की क्रियाएं मानसिक स्तर पर निरंतर चलती रहती है तथा परिलक्षित होती रहती हैं। मन की भौतिक संरचना अथवा अवस्थित को प्रारूपता द्वारा सरकार करना संभव है मन की इस प्रारूपता को मनोवैज्ञानिक विधियों को प्रयोग कर सामूहिक प्रदत्तों का विश्लेषण कर सत्यापित यंत्र द्वारा मां का अध्ययन और अनुभव कृत आलोचक अवलोकन एवं निष्कर्ष प्राप्त होता है। 

आधुनिक मनोविज्ञान के द्बारा मन पर किए गए विभिन्न प्रकार के शोध द्वारा यह सत्यापित होता है की मन का सीधा संपर्क बाह्य जगत से नहीं होता है मन का संपर्क मानसिक अवस्थाओं से होता है मानसिक अवस्थाएं मस्तिष्क में उपस्थित न्यूरान द्वारा पोषित और संरक्षण होता है।

सार, मन का आविर्भाव होता है। मन का अध्ययन अनुभवकृत अवलोकन एवं निष्कर्ष प्राप्त करना मनोवैज्ञानिक विधियों के प्रयोग द्वारा संभव है। मन व्यवहार में परिलक्षित होता है।


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