मनोवाटिका क्या है?

सारी बुराईयां-अच्छाईयां यह सब विचार का ही स्वरूप है। विचारों की बहुत बड़ी शक्ति है। सोचना बन्द हो जाये तो हम वही है जो सत्य है।

जैसा मन की स्थिति वैसा ही विचार की स्थिति।

जैसा विचार की स्थिति वैसा ही मन की स्थिति।।

जैसा मन वैसा  विचार 

जैसा विचार वैसा ही मन 

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