मन का पाश्चात्य अर्थ एवं परिभाषा
मन या माईन्ड शब्द लेटिन शब्द 'मेन' (men) से उत्पत्ति हुई है। माईन्ड शब्द का मूल (root) शब्द' मेन (men) से उत्पन्न हुआ है। लेटिन भाषा में माईन्ड को 'मेन (men) कहते है। मेन का अर्थ होता है- सोचना होता है।
ग्रीक भाषा में माईण्ड को 'साईके' कहते है। साईके का मतलब होता है कि वह अदृश्य सजीव या स्फुरण या जीव संचारण (animation) इकाई जो भौतिक शरीर पर कब्जा कर लेती है।
चार्ल्स डार्विन, (1871) मनुष्यों में मन की निरंतरता मौजूद है। तदोपरांत, यह भी बताया कि मन में अनेक विचारों (ideas) को संयुक्त करने की क्षमता होती है। मन की इस क्षमता के माध्यम से अन्य ज्ञान के भन्डार से प्राप्त विचारों को दैनिक जीवन में एकत्र करके जोड़ते है और एकत्र करके जोड़ने की प्रक्रिया से उत्पन्त्र विचार को समझने का प्रयास कारण और संबंध का आधार बनाकर करते है। Charles Darwin के अनुसार मन के द्वारा मानसिक प्रतीकों का उपयोग होता है। मन किती भी संवेदी अनुभव को बदल सकता है। मानसिक प्रतीक चाहे काल्पनिक हो या वास्तविक हो मन के द्वारा व्यक्त कर सकते है। मनुष्य अमूर्त (abstract) चिंतन में संलग्न होते है। इस प्रकार विचार, संवेदी और अवधारणात्मक अनुभव के आधार पर टिकी होती है और मन का सहयोग प्रदान होता रहता है।
पाश्चात्य मनोविज्ञान शब्द कोश (APA: American Psychological Association) के अनुसार मन सभी मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक घटनायें, प्रेरक, भावना, व्यवहार अवधारणाएं और संज्ञान प्रणालियों और मानसिक प्रक्रियाओं की संगठित समग्रता और संरचनात्मक और कार्यात्मक संज्ञानात्मक घटक निर्भर करते हैं। मन एक अभौतिक इकाई जो मानव चेतना को मस्तिष्क से अलग करता है। मन एक दृष्टिकोण है। मन सोचने का विशिष्ट तरीका है।
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