मनोस्थिति
मैं ऐसा क्यों हूँ? मैं वैसा क्यों हूँ? यह सोच आपके मन का है। इसका *प्रत्यक्ष-प्रमाण* जन्म कुन्डली मे उपस्थित ग्रहों की सामुहीक संरचना ही व्यक्त करती है। आप आसानी से जान, समझ और अनुभव कर सकते है। ज्ञान मात्र से ही जीवन में अन्दर से अंतःकरण पर बदलाव का अहसास होता है।
डॉट नामक मनो-यंत्र द्बारा परीक्षण करने से मन की अनुभूति में *स्वम् से साक्षात्कार* करने का एक अदभुत अवसर प्राप्त करें।
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